Tuesday, February 7, 2012

पोह का म्हिना

रणबीर

पोह का म्हिना
पोह का म्हिना रात अन्धेरी, पड़ै जोर का पाळा।।
सारी दुनिया सुख तैं सोवै मेरी ज्यान का गाळा।।

सारे दिन खेतां के म्हां मनै ईंख की करी छुलाई
बांध मंडासा सिर पै पूळी, हांगा लाकै ठाई
पूळी भारया जाथर थोड़ा चणक नाड़ मैं आई
आगे नै डिंग पाटी कोन्या, ठोड़ अन्धेरी छाई
झटका देकै चणक तोड़ दी हुया दरद का चाळा।।

साझे का तै कोल्हू था मिरी जोट रात नै थ्याई
रुंग बुळध के खड़े हुए तो दया मनै भी आई
इसा कसाई जाड्डा था भाई मेरी बी नांस सुसाई
मजबूरी थी मिरे पेट की, कोन्या पार बसाई
पकावे तैं न्यों कहण लग्या कदे होज्या गुड़ का राळा।।

कइ खरच कठ्ठे होरे सैं, ज्यान मरण मैं आई
गुड़ नै बेचो गुड़ नै बेचो, इसी लोलता लाई
छोरी के दूसर की सिर पै, आण चढ़ी करड़ाई
सरकारी करजे आळ्यां नै, पाछै जीप लगाई
मण्डी के म्हां फंसग्या क्यूकर होवै जीप का टाळा।।

खांसी की परवाह ना करी पर, ताप नै आण दबोच लिया
डाक्टर नै एक सुआ लाया, दस रुपये का नोट लिया
मेरे पै गरदिश क्यों चढग़ी, मनै इसा के खोट किया
कई मुसीबत कठ्ठी होगी, सारियां नै गळजोट लिया
रणबीर साझे जतन बिना भाई टळै ना दुख का छाह्ला।।

Vigyan Kee Achhayee bhool kai

foKku dh vPNkbZ Hkwy dS bluS cSjh crko.k ykxsAA
ek.kl dh djrwrka uS ge bldS flj yko.k ykxsAA
dy;qx ikih crk crk dfo;kas uS ‘ksj epk;k
dy dk uke dgSa iqjtk ;qx ekus c[r crk;k
c<+h psruk bUlkuka dh tc t#jr iS vk;k
bl dqnjr rSa [kkst [kkst iqjts dk [ksy jpk;k
vki cuk;k vki pyk;k vius vki mMko.k ykxsAA
dqnjr ds lc thoksa eSa bUlku ifo= ik;k
thou dh oLrq lkjh [kqn vki [kkst dS Y;k;k
,sls ;U= rS;kj c.kk fy, vtc deky fn[kk;k
djdS [kkst i`Foh dh vkleku
c.kk c.kk dS iqjts iS lkjk dke djko.k ykxsAA
dy;qx bruk NkT;k bldk dks, vUr uk ik;k
Qsj equkQs uS bl dy;qx iS viuk tksj tek;k
Lkc dqN dj fy;k dCts eSa ,slk egk?kksj epk;k
bl ikih dh djuh uS nq[k eSa ;ks lalkj Qalk;k
foKku rsa ce c.kk c.kk dS ujd c.kko.k ykxsAA
gfjpUn dgS dy;qx tslh vksj leksa uk vk.kh
lc iztk us le>kn~;ka pkgs ;k.kh gks pkgs L;k.kh
lkbZl vlyh jkgh pkyS geuS gksxh vy[k txk.kh
Qsj uk jgS dks, Hkw[kk ugha lS ;k >wBh ck.kh
U;ksa iki [kRe gksT;kxk ge lkp crko.k ykxsAA

bat pate kee


Sunday, February 5, 2012

 बिखरे हुए तिनकों को यदि जुटा लिया जाये 
तो तूफानों का मुंह मोड़ा जा सकता है
जात पात का अंतर यदि मिटा लिया जाये 
तो तूफानों पे जीत भी पा सकता है 

Saturday, February 4, 2012

UP ELECTIONS

यु पी चुनाव पै सबकी आके नजर टिकी भाई 
चर्चा किस पार्टी की टिकट कितने मैं बिकी भाई 
मुलायम की पार्टी नै अपना अभियान चलाया सै 
मायावती नै दलित कार्ड हट कै नै आजमाया सै  
कांग्रेस नै अजीत जाट का यो लंगोट घुमाया सै 
भाजपा नै सबते न्यारा मजहबी ढोल बजाया सै 
रास्ता कोए दीखता ना जनता इनते छिकी भाई  
आर्थिक नीतियों पर ये सारी पार्टी एक बरगी रै 
भजपा कांग्रेस तै आगे उदारीकरण का पां धरगी रै 
चोर चोर मुसेरे भाई जनता कै या पूरी जरगी रै 
नाश होण मैं कसर कडे या पाप की हांड़ी भरगी रै 
जटिल समस्या आ खडी गुंडयाँ की खूब धिकी भाई 
इसे हालत के करै जनता नहीं समझ मैं आवै 
मजबूरी मैं जात गोत पै हट हट मोहर लगावै 
दारू पीस्सा बंटे चौड़े मैं गरीब वोट खरीदी जावै 
वोटर बेच वोट अपनी नै कुछ दिन तो मौज उड़ावै 
पाँच साल मैं पाँच सात दिन रोटी सही सिकी भाई 
सजा याफ्ता उम्मीदवार भी कई पार्टियाँ के खड़े सें 
मुलायम सिंह सबतें आगै मायावती नै लाले पड़े सें  
कांग्रेस अजीत नंबर दो पै इस्पै सट्टे लागे बड़े सें 
सोच समझकै रणबीर सिंह नै चुनाव पै छंद घड़े सें 
विकास का नारा गुम सै चुनाव जात पै झुकी भाई 
5.2.2012

Wednesday, February 1, 2012

चारों तरफ कड़ी नजर रखना यही फरियाद  मेरी यारो 
फसल पकने को है खबर रखना रात बहुत अँधेरी यारो 
ताक में बैठे हैं शातिर लोग हड़पने की तैयारी है देखो 
ये चौकसी शामो सहर रखना जीवन रेखा है तेरी यारो 
 ये घनी छाँव भी साजिश है अपने दुश्मन की 
मुझे ये डर था कि तुम जरूर ठहर जाओगे 
मुठ्ठी भर है दुश्मन की संख्या गिनके तो देखो 
बदल जायेगा नक्शा जिस दिन ये देख पाओगे 
हमारा दिलो दिमाग काबू किया अपने विचारों से 
खुद सोचने लगोगे तो फिर मात नहीं  खाओगे  

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive