तेज रफ़्तार ज़माने की समझां इसकी चाल हे
नासमझी मैं उतरे बेबे म्हारी सबकी खाल हे
गफलत पडे छोड़नी करा हकां की रुखाल हे
अपना गम स्कूल अपना करें इसकी संभाल हे
म्हारे स्कूल कोलेजां पै टपकै बदेशिया की राल हे
जनता एका करकै बनैगी या मजबूत सी ढाल हे
जात पात और धरम पर करा लड़न की टाल हे
वैजानिक नजर के सहारे रचै नयी मिसाल हे
मानवता सिखर पर पहोंचे सजा पावें चंडाल हे
कार्य कारण की होवे फेर सही सही पड़ताल हे
क्या क्यों और कैसे बरगे उठें दिलों मैं सवाल हे
धार्मिक कटरता की हार होजयागी फिलहाल हे
संघर्ष करना बहोत जरूरी ठा हाथों में मशाल हे
मानवता की करें सेवा नहीं रहे कोई मलाल हे
एक दूजे का प्राणी राखै हमेश्या पूरा ख्याल हे
आए अकेले अकेले जाना बाकि सब जंजाल हे
प्रकर्ति गेल्यें करें दोस्ती पर्यावरण हो बहाल हे
पानी की कमी नही रह्वै नहीं होंगे सुने ताल हे
भूखा कोए नहीं सोवैगा नहीं पडेंगे अकाल हे
समतावादी विचार सबके नहीं मचै बबाल हे
Tuesday, November 10, 2009
एक बात
सहारे मत बना ऐ दिल सहारे रूठ जाते हैं
न किस्मत पर भरोसा कर सितारे टूट जाते हैं
साहिल पे आ के ना समझो की पार आ गए हैं
जरा सी लहर आई तो किनारे छूट जाते हैं
न किस्मत पर भरोसा कर सितारे टूट जाते हैं
साहिल पे आ के ना समझो की पार आ गए हैं
जरा सी लहर आई तो किनारे छूट जाते हैं
Monday, November 9, 2009
मानव बोम्ब
वह छात्रा डेरा परमुख की हत्या के लिए
मानव बम्ब क्यों बनी ?
मुस्लिम थी इसलिए
अमृतधारी थी इसलिए
किसी के बहकावे में आ गयी
ये नौजवान युवक युवतियां यहाँ तक
क्यों चले आते हैं ?
क्या सोचा है कभी ?
कहाँ फुर्सत है हमें दो पल की
की सोचें जरा जब क्या होगा
जब हमारी अपनी बेटी
डेरा परमुख की हत्या कर देगी
मानव बम्ब क्यों बनी ?
मुस्लिम थी इसलिए
अमृतधारी थी इसलिए
किसी के बहकावे में आ गयी
ये नौजवान युवक युवतियां यहाँ तक
क्यों चले आते हैं ?
क्या सोचा है कभी ?
कहाँ फुर्सत है हमें दो पल की
की सोचें जरा जब क्या होगा
जब हमारी अपनी बेटी
डेरा परमुख की हत्या कर देगी
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Will fail Fighting and not surrendering
I will rather die standing up, than live life on my knees: