हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति, हिसार।
(परिप्रेक्ष्य और कार्य दिशा)
साथियों,
आज हम एक भयानक विडंबनामय दौर से गुजर रहे हैं। आम तौर पर विकसित दुनिया में और हमारे देश में भी विकास के जो तौर-तरीके अपनाए गए हैं उनकी विसंगतियां दुनिया की अधिकांश आबादी को बदहाली, भुखमरी ,असुरक्षा और अनिश्चय की ओर धकेल रही हैं ।खुद मानव जाति का बड़ा हिस्सा आज भी विकास के अवसरों से वंचित है। तथाकथित विकसित देश भी अनेक प्रकार से गरीब देशों का दोहन करने के बावजूद बेरोजगारी ,गरीबी, सामाजिक हिंसा, दिमागी बीमारियों और हत्या आत्महत्या की महामारी से बच नहीं पाए हैं। बल्कि यह कहना ज्यादा ठीक होगा कि उनकी गहरी गिरफ्त में हैं । इन देशों की नजर फिर भी एक बार गरीब देशों की मंडी और संसाधनों पर है।
नवजागरण के 400 साल के इतिहास में भी पिछले 200 वर्षों में विज्ञान ने साधारण लोगों के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है । वैज्ञानिक खोजों के साथ ज्ञान और विवेक की एक नई दुनिया खुली है। मानवतावाद दुनिया के केंद्रीय दर्शन के रूप में उभरा है। जनतंत्र ,समानता और धर्मनिरपेक्षता के आदर्श इसी मानवतावाद से निकले । विज्ञान ने नई उत्पादन शक्तियों को जन्म दिया। एक ऐसे मनुष्य को जन्म दिया जो धर्म, संप्रदाय, जात, गोत्र का प्रतीक मात्र नहीं था। जो नागरिक था ।यह नागरिक राष्ट्र ,राज्य और नागरिक समाज का केंद्र था। तर्क, विवेक ,आत्मनिर्भरता ,स्वतंत्रता और समानता जिसके मूल्य थे। हमारे यहां नवजागरण का दौर 19वीं शताब्दी में रेल, डाक ,तार और नई शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ आया। स्त्रियों और साधारण लोगों को शिक्षा के अवसर पहली बार मिले। लेकिन आज भी हमारे यहां एक बड़ा निर्क्षर समाज मौजूद है। पूरी दुनिया में समानता ,आत्मनिर्भरता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत व्यवहार में बहुत पीछे रह गए हैं।
इस संदर्भ में हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति ने राज्य परिपेक्ष के निम्नलिखित बिंदुओं पर विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए अपनी पहल कदमी ली हैं।
1. वैज्ञानिक दृष्टि से संपन्न शिक्षित धर्मनिरपेक्ष और आत्मनिर्भर समाज विकसित करना
2. पूरी मानव जाति के हित में विज्ञान के इस्तेमाल के लिए लोगों को संगठित करना और विज्ञान के जनक द्रोही इस्तेमाल का सक्रिय विरोध करना।
3. जीवन के सभी क्षेत्रों पर वह उनसे जुड़ी तमाम समस्याओं पर ठोस वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करना और उसे साधारण लोगों की पहुंच में लाना।
4. अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में संगठित प्रयास करने और प्रतिरोध करते तबकों से और उनके संघर्षों से गहरा तालमेल बनाना और ज्ञान-विज्ञान आंदोलन के सूत्रों से उन्हें जोड़ना उनका अध्ययन।
5. रोजगार आवास स्वास्थ्य शिक्षा स्वस्थ पर्यावरण आदि नागरिक सुविधाओं व मूल मानव अधिकारों के संदर्भ में जन पक्षीय दृष्टि मंचों व संस्थाओं का विकास करना।
6. साक्षरता और शिक्षा के कार्यक्रम चलाना पुस्तकालय बनाना वह चलाना जनवा चंद व अध्ययन समूह और जनचेतना केंद्रों को चलाना किताबों को लोगों की पहुंच।
7. सार्वभौम सेकुलर शिक्षा के लिए वैकल्पिक कार्यक्रम चलाना अध्ययन सामग्री तैयार करना प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने व संस्थाओं का निर्माण और संचालन करना।
8. प्राकृतिक आपदाओं के समय पीड़ित लोगों की मदद करना।
9. बच्चों के बीच ज्ञान विज्ञान को लोकप्रिय बनाना।
10.स्थानीय 10 कारों व लोगों के कौशल के सत्र को उठाना उन्हें संगठित करते हुए कृषि आधारित छोटे उद्योग के के क्षेत्र में कार्य करना।

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